सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा किस कदर बढ़ता जा रहा है इसका उदाहरण रोज़ देखने को मिलता है सरकार चाहे कोई भी हो। … हर सरकार आरोप प्रत्यारोप का खेल खेलती है अब आने वाले वक्त में चुनाव नजदीक है पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है और अगले साल लोकसभा चुनाव भी होने जा रहे है अब सत्ता में बनी सरकार पर विपक्ष का तंज कसना और मुद्दे उठाना स्वाभाविक सी बात है। ….. नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी CAG जो कि केंद्र सरकार की सभी योजनाओं को ऑडिट करती है।
विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की घेराबंदी कर दी
हाल ही में CAG ने कई बड़े खुलासे अपनी रिपोर्ट में करे है जो आपको चौका देंगे आइये आज हम आपको हर चीज़ से रूबरू करवाते है। …… चुनावी साल में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) एक बार फिर सुर्खियों में है. कैग की हालिया रिपोर्ट ने सरकार की कई योजनाओं में चल रही गड़बड़ियों का उजागर किया है. इनमें आयुष्मान योजना, अयोध्या विकास परियोजना और द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रमुख हैं. कैग की रिपोर्ट आने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की घेराबंदी कर दी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा- मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के 75 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. कांग्रेस के जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से पूरे मामले में चुप्पी तोड़ने के लिए कहा है. …. यह पहली बार नहीं है, जब कैग की रिपोर्ट ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हो.
द्वारका एक्सप्रेस वे, अयोध्या विकास परियोजना, आयुष्मान भारत योजना
कैग रिपोर्ट की वजह से मुख्यमंत्री और मंत्रियों की कुर्सी तक जा चुकी है. इतना ही नहीं, कैग की रिपोर्ट से बने भ्रष्टाचार के माहौल में पूरी मनमोहन सरकार ही चली गई थी। ….. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा हाल ही में पेश हुई रिपोर्ट में 7 योजनाओं में गड़बड़ी का खुलासा किया गया है। ये योजनाएँ हैं भारतमाला प्रोजेक्ट-1, द्वारका एक्सप्रेस वे, अयोध्या विकास परियोजना, आयुष्मान भारत योजना, NHAI टोल योजना, एचएएल (HAL) में डिजाइन और निर्माण में खामी और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पेंशन के पैसे का प्रचार के लिए उपयोग करने का खुलासा किया गया है। दिल्ली में बन रहे द्वारका एक्सप्रेस-वे (Dwarka Expressway) पर CAG रिपोर्ट ने कई अहम सवाल खड़े किए हैं. सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सड़क की लागत कई गुना है।
251 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर का बजट पारित किया गया
रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया है कि कैबिनेट ने इस सड़क के लिए 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर का बजट प्रस्तावित किया था, लेकिन इसके लिए 251 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर का बजट पारित किया गया। …… वही दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा है जो CAG Report में आया है इसी तरह NHAI टोल योजना को लेकर भी कई तरह की गड़बड़ियों के कई खुलासे हुए हैं, जिनमें 50 में से 35 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जहां टेंडर से जुड़ी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। कुछ परियोजनाएं हैं, जहां परियोजना मूल्यांकन-तकनीकी जांच समिति में नीति आयोग के किसी भी सदस्य को शामिल नहीं किया गया था। …. इस रिपोर्ट में केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अयोध्या विकास परियोजना के कार्यान्वयन में ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने सहित कई अनियमितताएं पाई हैं। रिपोर्ट के अनुसार ठेकेदारों को 6 राज्यों में इस तरह की परियोजनाओं में 19.73 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ दिया गया। …. इसके अलावा केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना में भी CAG ने भारी मात्रा में गड़बड़ी का खुलासा किया है। इस योजना के तहत ऐसे मरीजों को भी लाभ मिल रहा है, जो पहले ही मर चुके हैं। यहीं नहीं इस योजना के 7.5 लाख से ज्यादा लाभार्थी तो सिर्फ एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए हैं।
कैग का काम सभी सरकारी संस्थाओं का ऑडिट करना है
यही नहीं इसके अलावा भारतमाला प्रोजेक्ट की अन्य योजनाओं में भी इसी तरह की अनियमितताओं की बात कही गई है। साथ ही HAL में डिजाइन और निर्माण में खामी को लेकर भी गड़बड़ी की बात कही गई है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लोगों के पेंशन के पैसे का उपयोग प्रचार के लिए करने का खुलासा भी हुआ है। ….. आइये आपको बताते की CAG क्या है और कैसे काम करता है? …. संविधान में सरकारी खर्च की पड़ताल के लिए एक सरकारी एजेंसी बनाने का प्रावधान है. अनुच्छेद 148 के मुताबिक इस एजेंसी के प्रमुख की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा. प्रमुख को उसी तरह से हटाया जा सकता है, जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के एक जज को. संविधान के अनुच्छेद 149, 150 और 151 में कैग के कामकाज और शक्तियों के बारे में जिक्र है. कैग का काम सभी सरकारी संस्थाओं का ऑडिट करना है और उसकी रिपोर्ट संसद या विधानसभा के पटल पर रखना है.
2जी स्पैक्ट्रम की नीलामी का मामला रेग्युलेरिटी ऑडिट की वजह से ही उठा था
वर्तमान में कैग 2 तरह से ऑडिट करता है. 1. रेग्युलेरिटी ऑडिट और 2. परफॉर्मेंस ऑडिट. ……. रेग्युलेरिटी ऑडिट को कम्पलायंस ऑडिट भी कहते हैं. इसमें सभी सरकारी दफ्तरों के वित्तीय ब्यौरे का विश्लेषण किया जाता है. विश्लेषण में मुख्यत: यह देखा जाता है कि सभी नियम-कानून का पालन किया गया है या नहीं? 2जी स्पैक्ट्रम की नीलामी का मामला रेग्युलेरिटी ऑडिट की वजह से ही उठा था. …. इसी तरह परफॉर्मेंस ऑडिट में कैग यह पता लगाया जाता है कि क्या सरकारी योजना शुरू करने का जो मकसद था, उसे कम खर्च पर सही तरीके से किया गया है या नहीं? इस दौरान योजनाओं का बिंदुवार विश्लेषण किया जाता है.
आयुष्मान भारत के लाभार्थियों का पैसा किसने गबन किया?
PM मोदी इससे कई सवाल खड़े करती है। … जैसे PM मोदी घोटालों पर चुप्पी तोड़ेंगे या नहीं? …. क्या सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और मंत्री पर कोई कार्रवाई होगी? …… आयुष्मान भारत के लाभार्थियों का पैसा किसने गबन किया? ……. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पेंशन स्कीम का पैसा अन्य योजनाओं के प्रचार में क्यों खर्च किया ? …… अयोध्या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में ठेकेदारों को अनुचित लाभ कौन पहुंचा रहा है? ….. अब देखने वाली बात यह होगी की आने वाले वक्त में क्या इन सवालो का जवाब हमे मिल पायेगा। …..