मणिपुर पर संसद में हंगामा, खड़गे का आरोप- विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश

चौक टीम, जयपुर संसद में मानसून सत्र के तीसरे दिन मणिपुर मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की। हंगामे के चलते संसद के दोनों सदनों को 25 जुलाई सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर सभापति जगदीप धनखड़ से बहस कर रहे AAP सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र से सस्पेंड कर दिया गया है। उन पर सभापति का आदेश न मानने का आरोप है।

सस्पेंड करने के बाद उन्हें बाहर जाने को भी कहा गया। विपक्षी सांसदों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। संजय सिंह के निलंबन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- ये पहली बार नहीं है कि कोई विरोध जता रहा है। सभी लोग संसद में विरोध करते हैं। लोकतंत्र में बोलने की आजादी है, बोलने के लिए जो संसद आता है उसे मौका मिलना चाहिए। आज सरकार की मंशा है कि किसी ना किसी तरीके से आवाज को बंद किया जाए। पिछली बार भी उन्होंने ऐसा ही किया था।

राज्यसभा से सस्पेंड होने के बाद क्या बोले आप सांसद संजय सिंह


संजय सिंह ने सदन से बाहर आकर कहा- देश के प्रधानमंत्री सदन में आकर मणिपुर की हिंसा पर जवाब क्यों नहीं दे रहे। एक आर्मी के योद्धा की पत्नी के कपड़े उतारकर परेड कराई गई, ये शर्मनाक है। भारत की सेना और भारत के 140 करोड़ लोगों का सिर शर्म से झुक गया है। प्रधानमंत्री सदन में आकर जवाब नहीं दे रहे। इसी के कारण मैंने आज 267 का नोटिस दिया था। पहले 15 मिनट तक मैं चेयर (आसंदी) से अनुरोध करता रहा कि मुझे 267 के तहत बोलने का मौका दिया जाए। जब उन्होंने मौका नहीं दिया तो मैंने चेयर के पास जाकर अनुरोध किया कि मणिपुर पर चर्चा कराइए। एक सरकार मणिपुर पर बात करने के लिए तैयार नहीं है।

हमारा विरोध जारी रहेगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर मैं अपना धरना जारी रखूंगा। हमने सभी पॉलिटिकल पार्टियों से कहा है कि इस आंदोलन में शामिल हों। उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है- मैं सदन में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हूं। मुझे नहीं पता कि वो (विपक्ष) यह चर्चा क्यों नहीं होने दे रहे। मेरा आग्रह है कि विपक्ष चर्चा होने दे, ताकि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर देश के सामने सच्चाई पहुंचे।

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