मणिपुरी फुटबॉलर मेडल सेरेमनी में मैतेई झंडा लेकर पहुंचा:कहा- 2 महीने से हिंसा जारी, शांति चाहिए; यूजर्स बोले- ये राजनीति, एक्शन लो

साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन चैंपियनशिप (SAFF) जीतने वाली इंडियन फुटबॉल टीम के प्लेयर जीक्सन सिंह ने अवॉर्ड सेरेमनी में मणिपुर झंडा लपेटा। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। यूजर्स का कहना है कि इंडिया को रिप्रेजेंट करते वक्त ऐसा झंडा इस्तेमाल करना ठीक नहीं। जीक्सन राजनीति कर रहे, उन पर एक्शन लिया जाए। टीम इंडिया के मिडफील्डर जीक्सन सिंह मणिपुर से ही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर सफाई दी है। उन्होंने कहा- अवॉर्ड सेरेमनी में झंडा ले जाने के पीछे मेरा मकसद किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाना नहीं था। मणिपुर में 2 महीने से हिंसा जारी । अब शांति चाहिए।

जीक्सन ने 7 रंगों का झंडा ओढ़ा

टीम इंडिया ने बेंगलुरु में कुवैत को पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से हराकर SAFF चैंपियनशिप जीती। मेडल सेरेमनी में विजेता टीम इंडिया के सभी प्लेयर्स मेडल लेने पहुंचे, यहां जीक्सन सिंह मैतेई समुदाय का झंडा लेकर पहुंच गए थे। जीक्सन ने 7 रंगों का झंडा ओढ़ा। ये मणिपुर के मैतेई समाज का प्रतीक है। राज्य में मैतेई और कुकी समाज के बीच हिंसा चल रही हैसोशल मीडिया पर फैंस बोले- ये प्रोफेशनलिज्म नहीं, राजनीति कर रहे जीक्सन के क्षेत्रीय फ्लैग लाने पर कई फैंस ने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना की। कुछ ने लिखा, ‘इंटरनेशनल लेवल पर क्षेत्र का झंडा लाना प्रोफेशनलिज्म नहीं दिखाता। यहां खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करते हैं किसी क्षेत्र या राज्य का नहीं।’

सोशल मीडिया पर लिखा कि सुनील छेत्री की वजह से ही वो अवॉर्ड सेरेमनी में झंडे के साथ सेलिब्रेशन कर सके


एक यूजर ने लिखा- इतने बड़े टूर्नामेंट में क्षेत्रीय झंडा ले जाना ठीक नहीं, जीक्सन पर एक्शन लिया जाए।एक और यूजर ने लिखा- जीक्सन इंटरनेशनल इवेंट में पॉलिटिकल स्टेटमेंट दे रहे हैं।बता दें कि इंटरनेशनल लेवल पर क्षेत्रीय झंडा ले जाने के मुद्दे पर फुटबॉल एसोसिएशन की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया है। जीक्सन ने सुनील छेत्री को शुक्रिया कहा, झंडे पर सफाई दी…पूरा स्टेटमेंट जीक्सन सिंह ने टीम कैप्टन सुनील छेत्री को शुक्रिया कहा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि सुनील छेत्री की वजह से ही वो अवॉर्ड सेरेमनी में झंडे के साथ सेलिब्रेशन कर सके। उन्होंने सोशल मीडिया पर सफाई दी। लिखा, ‘ये मेरे मणिपुर का झंडा है। मैं यह बताना चाहता था कि मणिपुर में क्या हो रहा है। पूरे भारत और मणिपुर से यह कहना चाह रहा था कि शांति से रहो, हिंसा मत करो। मैं शांति चाहता हूं। 2 महीने से हिंसा जारी है। मैं नहीं चाहता कि ऐसी हिंसा और ज्यादा हो। मेरा परिवार सुरक्षित है, पर कई और परिवार भी हैं, जिन्होंने दुख झेला, घर और अपना सबकुछ खो दिया है। अभी मेरे लिए घर लौटना मुश्किल है। मुझे नहीं पता आगे क्या होगा। मुझे उम्मीद है कि हालात जल्द सुधरेंगे। फ्लैग से मैं किसी की भी भावनाएं आहत नहीं करना चाहता। मैं अपने गृह राज्य मणिपुर की ओर सभी का ध्यान खींचना चाह रहा हूं। जहां हिंसा जारी है। आज की जीत सभी भारतीयों को समर्पित।

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