2 साल बाद नंदीग्राम में फिर ममता Vs शुभेंदु: बंगाल में पंचायत चुनाव, TMC ने 80% कैंडिडेट बदले

चौक टीम जयपुर। पश्चिम बंगाल में आज यानी 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग है। राज्यभर में हिंसा की आशंका के बीच नजर नंदीग्राम पर है। 16 साल पहले ममता बनर्जी के सत्ता तक पहुंचने का रास्ता यहीं से निकला था। एकदम शांत रहने वाले नंदीग्राम में 2007-08 में गृह युद्ध जैसे हालात बन गए थे। एक तरफ पुलिस और लेफ्ट का कैडर था, दूसरी तरफ ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस। ये हाल 11 महीने तक रहा। तब ममता के सिपहसालार थे शुभेंदु अधिकारी। 16 साल बाद नंदीग्राम में फिर दोनों की चर्चा है। तब शुभेंदु ममता के साथ थे, इस बार सामने हैं। चुनाव न ममता लड़ रही हैं और न ही शुभेंदु। दोनों की पार्टी के कैंडिडेट लड़ रहे हैं, पर कैंडिडेट्स की जीत-हार से ज्यादा इन दोनों नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

ममता खुद नहीं आईं, मंत्री-काउंसलर्स को भेजा

नंदीग्राम में पंचायत चुनाव में प्रचार के लिए ममता बनर्जी खुद नहीं आईं, लेकिन उन्होंने अपने मंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को जरूर भेजा। कोलकाता के काउंसलर्स डेरा जमाए रहे। वहीं BJP की तरफ से पूरी कमान शुभेंदु अधिकारी ने संभाली। वे विधानसभा में विपक्ष के नेता होने के साथ ही नंदीग्राम से विधायक भी हैं। 2018 के पंचायत चुनावों में TMC ने नंदीग्राम में ग्राम पंचायत की 17, पंचायत समितियों की 2 और जिला परिषद की 5 सीटें जीती थीं। तब शुभेंदु अधिकारी TMC में थे। इस बार यहां मुकाबला TMC बनाम शुभेंदु अधिकारी है। TMC ने नंदीग्राम को दोबारा पाने के लिए 80% कैंडिडेट्स के टिकट बदल दिए हैं। पार्टी के एक सीनियर नेता ने बताया कि, ‘जिन नेताओं के खिलाफ करप्शन की शिकायतें थीं, उन्हें टिकट नहीं दिया है। लोगों में उनके खिलाफ गुस्सा है, जो नतीजों में दिख सकता है। नॉन परफॉर्मिंग नेताओं के टिकट भी काट दिए हैं।’ ‘नंदीग्राम में TMC के सबसे बड़े नेता शेख सूफियान का टिकट बदलना पड़ा। वे ममता बनर्जी के एकदम खास माने जाते हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव में तो वे ममता बनर्जी के पोलिंग एजेंट थे। उन पर करप्शन के तमाम आरोप लगे हैं। ऐसे में उन्हें टिकट देना सही नहीं था।’

TMC का डोर टु डोर कैंपेन, BJP ने घोटाले याद दिलाए


हमनें पता किया कि TMC चुनाव जीतने के लिए क्या कर रही है। आम लोगों के बीच घूमने और बातचीत से पता चला कि महीनेभर से TMC के नेता डोर टु डोर कैंपेन कर रहे हैं। इसमें ममता सरकार की स्कीम्स के बारे में बताया गया। बताया गया कि नंदीग्राम के लिए दीदी के क्या-क्या प्लान हैं। ये भी बताया कि केंद्र सरकार रूरल बंगाल के लिए पैसा नहीं भेज रही है, इसलिए BJP को सबक सिखाना जरूरी है। वहीं, BJP नेता शुभेंदु अधिकारी राज्य सरकार के घोटाले उजागर कर रहे हैं। कह रहे हैं, ‘दीदी से लेकर उनके भाई-भतीजा तक सब करप्ट हैं। 2020 में आए अम्फान तूफान से हुए नुकसान के लिए आई राहत राशि TMC के नेता खा गए। उसका फायदा लोगों तक नहीं पहुंचाया गया।’अधिकारी ये कहना नहीं भूल रहे, ‘CPM, कांग्रेस, TMC को मौका देखकर देख लिया, अब BJP की बारी है। BJP को जिताओगे तो घर-नौकरी-धंधा सब मिलेगा।’ शुभेंदु हर सभा के बाद जय श्रीराम का नारा भी लगाते हैं।

बैनर-पोस्टर से भरा, लेकिन फोटो दो ही नेताओं के

पश्चिम बंगाल का एक छोटा सा टाउन है नंदीग्राम। ब्लॉक 1 और ब्लॉक 2 को मिलाकर आबादी करीब 2.80 लाख है। फिलहाल पूरी तरह से बैनर-पोस्टर से पटा हुआ है। जगह-जगह TMC-BJP के झंडे लगे हैं, लेकिन फोटो दो ही नेताओं की नजर आती हैं, पहली हैं ममता बनर्जी और दूसरे हैं BJP नेता शुभेंदु अधिकारी।शहर का माहौल देखकर लग रहा है कि यहां पंचायत के नहीं, बल्कि विधानसभा या लोकसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। कोलकाता के बड़े नेता नंदीग्राम में सभाएं करने पहुंचे। हालांकि BJP की तरफ से पूरा जिम्मा शुभेंदु अधिकारी ने ही संभाला। 2021 की जीत दोहराने के लिए शुभेंदु गली-गली घूमे।हम नंदीग्राम पहुंचे, तब शुभेंदु अधिकारी पार्टी के ऑफिस में ही थे। उनकी सुरक्षा में सेंट्रल फोर्स के जवान तैनात थे। अधिकारी ऑफिस में अंदर थे, तब सभी को बाहर रोक दिया गया। हम एक लोकल लीडर के साथ अंदर गए। शुभेंदु अधिकारी के हाथ में एक पर्ची थी और वो अकेले ही बैठे थे।

TMC ने 80% नेताओं के टिकट काट दिए

कुछ ही मिनटों में बाहर की तरफ जाते हुए गाड़ी में बैठ गए और उनका काफिला प्रचार के लिए निकल गया। लोकल BJP लीडर पलय पाल ने कहा, ‘प्रचार-प्रसार का आज आखिरी दिन है। दादा खुद ही सब जगह प्रचार के लिए जा रहे हैं, इसलिए एक मिनट का भी टाइम नहीं है। ‘TMC के बागियों से BJP को मिल सकता है फायदा नंदीग्राम में 2013 और 2018 के पंचायत चुनाव में TMC ने बड़ी जीत हासिल की थी। 2018 में कई सीटों पर हिंसा की वजह से चुनाव ही नहीं हो पाए थे और TMC के कैंडिडेट निर्विरोध जीत गए थे। 2021 में TMC से BJP में आए शुभेंदु अधिकारी ने यहां से विधानसभा चुनाव जीता। इसलिए इस बार TMC को कड़ी टक्कर मिल रही है। नंदीग्राम के ब्लॉक 1 में करीब 40% और ब्लॉक 2 में 17% माइनॉरिटी पॉपुलेशन है। TMC ने 80% नेताओं के टिकट काट दिए, इसलिए पुराने नेता बगावत पर उतर आए हैं। यही पार्टी के लिए टेंशन की बात है। BJP को उम्मीद है कि इस बगावत से उसे फायदा मिलेगा।

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