राजस्थान यूनिवर्सिटी में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर जमकर लाठियां बरसाईं। स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में मूलभूत समस्याओं को लेकर मांग कर रहे थे। इन्हें रोकने के लिए यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया था। प्रदर्शनकारी छात्र बैरिकेड तोड़ कुलपति सचिवालय तक पहुंच गए और वहां हो रही सिंडिकेट की बैठक में हंगामा करने लगे। इस पर पुलिस ने लाठी चार्ज छात्रों को खदेड़ा। दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र मनु दाधीच, भरत भूषण बड़ी संख्या में प्रदर्शन करने कुलपति सचिवालय की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग कर पहले ही रोक दिया। इससे नाराज छात्र पुलिस से उलझ गए और बैरिकेडिंग हटाकर कुलपति सचिवालय की ओर बढ़ने लगे।
एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों एक साथ कुलपति सचिवालय की ओर बढ़े
एबीवीपी के छात्रों के साथ एनएसयूआई के महेश चौधरी और राजेंद्र गौरा भी कुलपति सचिवालय की ओर चल पड़े। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें एनएसयूआई के राजेंद्र गोरा के गंभीर चोट आई है। फिलहाल एबीवीपी और एनएसयूआई के कार्यकर्ता कुलपति सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। गांधीनगर थाना पुलिस ने हंगामा कर रहे एबीवीपी के 10 से ज्यादा छात्र नेताओं को हिरासत में लिया। एडिशनल डीसीपी ईस्ट अवनीश ने कहा- आज पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग की गई थी। कुछ छात्र सिंडीकेट बैठक में बाधा डालने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए उन्हें खदेड़ा है बता दें कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में एक साल के लंबे अंतराल के बाद सिंडिकेट की बैठक हो रही है। इसमें कुल 40 से ज्यादा प्रस्तावों पर चर्चा होनी है। बैठक में शामिल होने के लिए विधायक अमीन कागजी और गोपाल मीणा भी पहुंचे। सिंडिकेट का कोरम पूरा होने के साथ ही बैठक शुरू की गई थी तभी ये हंगामा होने लगा। पिछले साल 5 मई को जनरल सिंडिकेट बैठक आयोजित की गई थी।
लंबे समय बाद होने जा रही सिंडिकेट की बैठक
उसके बाद सर्च एसोसिएट मामले में 26 दिसंबर को स्पेशल सिंडिकेट का आयोजन भी किया गया था, लेकिन बैठक में सभी एजेंडों पर चर्चा नहीं हो पाई थी। उसके बाद 19 जनवरी को प्रस्तावित बैठक भी हंगामे के कारण टल गई थी। वहीं, कुलपति के चयन के विवाद को लेकर 1 मई को प्रस्ताये फैसले होने की संभावना राजस्थान यूनिवर्सिटी में लंबे समय बाद होने जा रही सिंडिकेट की बैठक में नए कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का सदस्य नियुक्त करने, महाराजा कॉलेज के गोखले हॉस्टल की करीब 10,750 वर्गमीटर भूमि के अधिग्रहण, संघटक कॉलेजों में ATM मशीन लगाने, कार्मिकों के आरजीएचएस मेडिकल सुविधा देने, पीएचडी के लिए यूजीसी के न्यूनतम मानक और प्रक्रिया अधिनियम लागू करने, वरिष्ठतम सहायक आचार्य को विभागाध्यक्ष नियुक्त करने, सीधी भर्ती से नियुक्त हुए कार्मिकों की नियुक्ति और स्थायीकरण करने, यूजीसी के नियमनुसार वेतन देने, यूनिवर्सिटी में एजेंसी से लगे श्रमिकों को संविदा भर्ती नियम 2022 में में शामिल कर वेतन बढ़ाने और एमपेट और एमफिल के छात्रों के पीएचडी प्रवेश परीक्षा में सीटें निर्धारित करने जैसे मुद्दे प्रस्तावित हैं। वित बैठक भी आखरी वक्त पर स्थगित कर दी गई थी। ऐसे में 1 साल के लंबे इंतजार के बाद हो रही सिंडिकेट की बैठक में आज स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी के कार्मिकों को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले हो सकते हैं। वहीं, यूनिवर्सिटी में मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर NSUI द्वारा सिंडिकेट बैठक के दौरान विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।