महाराष्ट्र के सियासी समीकर में 2 जुलाई को एक बार फिर पलट गए। NCP नेता अजित पवार ने चाचा शरद पवार का दूसरी बार साथ छोड़ा और 8 सीनियर विधायकों के साथ BJP-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार में शामिल हो गए। सब कुछ सिर्फ एक घंटे में हुआ। NDA ने जितनी तेजी अजित पवार और उनके विधायकों को मंत्री बनाने में दिखाई, उतनी ही रफ्तार से अजित पवार को NCP से अलग किया गया। भास्कर को BJP के एक करीबी सूत्र से पता चला है कि अजित पवार को सरकार में शामिल करने का फैसला सिर्फ दो दिन पहले लिया गया था। इसकी शुरुआत 28 जून से हुई। दिल्ली में NCP की कार्यकारिणी की बैठक थी। मंच पर लगे पोस्टर में शरद पवार थे, साथ में कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल। अजित पवार को पोस्टर में जगह नहीं मिली।सूत्रों के मुताबिक, इस बात से अजित पवार काफी नाराज हुए। इसी नाराजगी को BJP ने भुनाया और 30 जून को एक आर्टिकल में एकनाथ शिंदे को सबसे असफल CM बताने वाले अजित पवार को सरकार में शामिल होने का ऑफर दे दिया। अजित पवार ने आसानी से ऑफर मान भी लिया।
अजित पवार शरद पवार के इस्तीफे से खुश
अजित पवार को सरकार में शामिल करने में देवेंद्र फडणवीस का बड़ा रोल था। ऐसी चर्चा है कि कार्यकारिणी बैठक में शामिल होने पहुंचे अजित पवार दिल्ली में BJP के एक बड़े नेता से गुपचुप ढंग से मिले थे। 2 मई को शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, यहीं से पार्टी में टूट के संकेत मिले
2 मई, 2023 को शरद पवार ने पहली बार पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। नेता और कार्यकर्ता चाहते थे कि वे पद पर बने रहें। कार्यकर्ता मनाते रहे, उन्हें खून से खत लिखे, पर पवार नहीं माने। तब सिर्फ अजित पवार थे. जिन्होंने कहा कि, ‘शरद पवार की उम्र को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। वो सभी कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगे। अध्यक्ष नहीं हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि वो पार्टी में नहीं हैं। आप भावुक ना हों। जो भी नया अध्यक्ष होगा, हम उसके साथ खड़े रहेंगे।’ पार्टी के एक करीबी सूत्र बताते हैं कि इससे ये मैसेज गया कि अजित पवार शरद पवार के इस्तीफे से खुश हैं। शरद पवार ने 10 जून को पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया।
शिंदे को CM बनाने के बाद लगातार हार रही BJP
इससे जाहिर हो गया कि सुप्रिया सुले NCP चीफ की अगली उत्तराधिकारी हैं। अजित पवार की नाराजगी की एक वजह ये भी थी। अजित पवार का खेमा भी सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने से नाराज था। उन्होंने भी अजित पवार पर पार्टी से अलग होने का दबाव बनाया। शिंदे को CM बनाने के बाद लगातार हार रही BJP, इसलिए ये नया एक्सपेरिमें BJP लीडर देवेंद्र फडणवीस के OSD रहे सीनियर जर्नलिस्ट रविकिरण देशमुख कहते हैं कि ‘सत्ता में फिर से वापसी और एकनाथ शिंदे को साथ लेने के बावजूद BJP उपचुनावों में अच्छा परफॉर्म नहीं कर पा रही है।’ ‘अंधेरी के उपचुनाव में पार्टी ने उम्मीदवार तक नहीं उतारा। शिवसेना (उद्धव गुट) की उम्मीदवार ऋतुजा लटके ये चुनाव जीत गईं। नागपुर और अमरावती में हुए MLC चुनाव में भी दोनों दलों के उम्मीदवार हार गए और कांग्रेस के प्रत्याशी जीत गए।’
अजित पवार को जोड़ने से BJP का फायदा
‘पुणे का कस्बापेठ BJP के लिए सबसे पावरफुल सीट थी। इसके बावजूद वहां कांग्रेस का उम्मीदवार चुनकर आया। इससे क्लियर हो गया कि लोग सरकार से खुश नहीं हैं। यही वजह है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव से एक साल पहले BJP की सेंट्रल लीडरशिप ने ये बड़ा एक्सपेरिमेंट किया है। अजित पवार को तोड़कर BJP ने NCP के वोटर्स को कन्फ्यूज किया BJP ने अजित पवार को अपने साथ मिलाकर NCP के कोर वोटर्स को कन्फ्यूज कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने से अजित पवार नाराज थे ही उनके फैसलों को पार्टी में लगातार अनदेखा किया जा रहा था। इसलिए उन्होंने पार्टी तोड़कर NDA के साथ जाने का फैसला लिया। अजित पवार को जोड़ने से BJP का फायदा, सरकार गिरने से बचेगी सीनियर जर्नलिस्ट गोविंद वाकडे बताते हैं, ‘शिंदे गुट ने शिवसेना से अलग होकर अलग पार्टी बनाई है। उनके 16 विधायकों को अयोग्य करार देने पर फैसला होना बाकी है। माना जा रहा है कि ये फैसला शिंदे गुट के खिलाफ आएगा।’
BJP ने अजित पवार को सरकार में शामिल होने का ऑफर दिया।
‘इसके बाद शिंदे गुट के बचे हुए यानी 40 विधायकों की सदस्यता भी रद्द हो सकती है। इससे मौजूदा सरकार अल्पमत में आ जाएगी और महाराष्ट्र में फिर से बड़ा बदलाव हो सकता है। इससे बचने के लिए BJP ने अजित पवार को सरकार में शामिल होने का ऑफर दिया। अजित पवार कई बार दावा कर चुके हैं कि उनके साथ 40 विधायक हैं। देवेंद्र फडणवीस जल्द बन सकते हैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री गोविंद ने एक और दावा किया कि अगले 8 से 10 दिन में महाराष्ट्र में फिर से एक शपथ ग्रहण होगा। इससे पहले एकनाथ शिंदे CM पद से इस्तीफा दे देंगे और देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं। शिंदे गुट का राजनीतिक अस्तित्व जल्द ही खत्म हो जाएगा।’ गोविंद के मुताबिक, ‘मौजूदा सरकार चाहती है कि देश की सबसे अमीर महानगरपालिका यानी BMC पर उसका कब्जा रहे। यहां उद्धव गुट के पास बहुमत है। अजित पवार या कहें कि NCP के आने से दोनों गुट और मजबूत हो जाएंगे और BMC पर NDA का कब्जा हो सकेगा।’