चौक टीम जयपुर। आये दिन हम कुछ ना कुछ नया सुनते रहते है या ऐसी प्रथाएं सुनते है जो हमें अचम्भे में डाल देती है की ऐसा भी कुछ है और साथ ही साथ हमारे मन में कई सवाल उठते है की आखिर ये प्रथा कहा है। कौन लोग करते है कौन मानते हैं। कहा होती है क्या रिजल्ट निकलता है और ये आखिर है क्या। एक ऐसी ही प्रथा जो लाखो लड़कियों की ज़िन्दगी बर्बाद कर चुकी है या कर रही है जी हां राजस्थान में आज भी। आटा-साटा कुप्रथा का चलन देखने को मिलता है। ये ऐसी एक प्रथा है जो कई लड़कियों को आत्महत्या करने पर भी मजबूर कर देता है आज भी कई लड़कियां और लड़के इस कुप्रथा के कारण आत्महत्या कर लेते हैं। आखिर क्या होती है आटा-साटा की कुप्रथा।
कुप्रथा के कारण राजस्थान में कई युवक और युवती आत्महत्या कर लेते हैं
आटा-साटा प्रथा एक ऐसी प्रथा है जो सदियों से राजस्थान के कुछ इलाकों में होती आ रही है राजस्थान में फैली इस प्रथा को अगर हम आसान भाषा में समझे तो शादी के लिए लड़की के बदले लड़की देना ही आटा-साटा प्रथा है इस कुप्रथा के कारण राजस्थान में कई युवक और युवती आत्महत्या कर लेते हैं वहीं, दूसरी तरफ कई महिलाएं इस कुप्रथा में फंसकर अपनी पूरी जिंदगी ऐसे ही बिताने के लिए मजबूर हो जाती हैं सही शब्दों में बताये की आखिर क्या है ये।
कई लड़कियां इसे ही अपनी तकदीर समझ आगे बढ़ने का फैसला करती हैं इतना ही नहीं रिश्तेदारों से भी हो जाती है शादी।
लड़की की अदला बदली करना इसे ही आटा-साटा कुप्रथा कहा जाता है जैसे मान लीजिए आटा-साटा कुप्रथा के चलते किसी लड़के की शादी किसी लड़की के साथ तय होती है. तो लड़की की ओर से किसी लड़के की शादी होने वाले पति की बहन से कर दी जाती है। इसे ही अदला बदली या आटा-साटा कहा जाता है इस कुप्रथा के कारण लड़के और लड़कियों दोनों का ही जीवन खराब होता है। वहीं अगर लड़की की बात करें तो लड़कियों को अपनी पसंद और नापसंद देखने का कोई अवसर नहीं दिया जाता है। कई मामलों में तो ये अदला बदली बचपन में ही कर दी जाती है जब लड़कियां बड़ी होती हैं और उन्हें इस बारे में बताया जाता है तो वो सदमे में होती हैं कई लड़कियां इसी कारण आत्महत्या करने को मजबूर हो जाती हैं। वहीं, कई लड़कियां इसे ही अपनी तकदीर समझ आगे बढ़ने का फैसला करती हैं इतना ही नहीं रिश्तेदारों से भी हो जाती है शादी। आटा-साटा कुप्रथा में बाल विवाह भी करा दिया जाता है। बच्चों के माता-पिता उनकी उम्र को भी दरकिनार कर देते हैं
कुप्रथा में घर के लोग अपने बेटे की शादी कराने के लिए अपनी लड़की की शादी देर से करते हैं
इस कुप्रथा में दो परिवारों के बीच लड़की का लेन-देन होता है वहीं, कई मामलों में ये भी देखने को मिला। जहां एक लड़की के बदले कई रिश्तेदारों की भी शादियां करवा दी जाती हैं वहीं, कई मामलों में ये तक भी देखने को मिलता है कि एक कम उम्र की लड़की की शादी उसकी उम्र से दोगुने उम्र वाले लड़के के साथ कर दी जाती है इस कुप्रथा में घर के लोग अपने बेटे की शादी कराने के लिए अपनी लड़की की शादी देर से करते हैं उदाहरण के तौर पर एक घर में दो भाई बहन हैं। बड़ी बहन और छोटे भाई की उम्र में 7-8 साल का अंतर है तो ऐसे में कई परिवार वाले अपनी बेटी की भी शादी तब तक नहीं करते हैं जब तक उनका बेटा भी शादी के लायक ना हो जाए जब लड़का भी शादी के लायक हो जाता है तो माता-पिता दोनों बच्चों की शादी आटा-साटा से करवा देते हैं.
शिक्षित युवक और युवतियां इस कुप्रथा का हिस्सा नहीं बनना चाहती हैं
कई मामले तो ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें बेटी की शादी उसकी उम्र से बड़े व्यक्ति से कर दी जाती है राजस्थान में भी अब साक्षरता दर बढ़ रही है. युवक-युवती पढ़ाई कर अपने करियर पर ध्यान दे रहे हैं। राजस्थान के ज्यादातर गांव इस कुप्रथा की चपेट में हैं। इस कुप्रथा से सबसे ज्यादा लड़कियां परेशान हैं वहीं, दूसरी तरफ शिक्षित युवक और युवतियां इस कुप्रथा का हिस्सा नहीं बनना चाहती हैं. जिसके कारण ही गांवों में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
21 साल की सुमन चौधरी ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी।
सबसे हैरान बात ये है की इसके कारण राजस्थान के कई युवा आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं ऐसे कई मामले पिछले सालों में और हर दिन सामने आते हैं। एक उदाहरण से बताये तो। महिला को मंगेतर के साथ पड़ा था भागना। राजस्थान के चूरू जिले के मुंदीताल गांव में एक आटा-साटा कुप्रथा के कारण एक महिला को अपने ही मंगेतर से शादी करने के लिए घर से भागना पड़ा। महिला के भाई ने अपनी बहन और उसके पति को जान से मारने की धमकी दी, जिसके बाद पीड़ित महिला और उसका पति सुरक्षा की गुहार लगाने के लिए एसपी के दफ्तर पहुंचे। नागौर से भी एक युवती की आत्यहत्या का मामला सामने आया था 21 साल की सुमन चौधरी ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में युवती ने आटा-साटा कुप्रथा को वजह बताया था। आज भी ऐसी प्रथाएं सुनकर मुझे तो अचम्भा होता है.
राजस्थान चौक के लिए आकृति पंवार की रिपोर्ट