तमिलनाडु में राजनीतिक सरगर्मियां तेज है। इस समय बड़ा मुद्दा तमिलनाडु के नाम को बदलना है। तमिलनाडु का नाम तमीझगम करने का विचार राज्यपाल ने दिया है। जिस पर तमिलनाडु विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। तमिलनाडु विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामा हुआ। डीएमके सदस्यों ने साफ कहा कि राज्यपाल आर एस एस के विचार नहीं दें।
विधानसभा में हुआ हंगामा
राज्यपाल आर एन रवि ने विधानसभा में कहा कि राज्य का नाम तमिलनाडु के बजाय तमीझगम करना ज्यादा बेहतर रहेगा। राज्यपाल के सुझाव पर सत्ताधारी दल डीएमके, सहयोगी कांग्रेस और वीकेसी के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। हंगामे के बीच राज्यपाल अभिभाषण बीच में छोड़कर सदन से बाहर चले गए। नारेबाजी कर रहे दलों के सदस्यों ने कहा कि वे राज्य में भाजपा और आरएसएस की विचारधारा नहीं थोपे।
राजभवन और कमलालयम में हो फर्क
डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि राज्यपाल आरएन रवि को भाजपा के दूसरे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य करना बंद कर देना चाहिए। अलगाव और संघर्ष के साथ भ्रम पैदा करने के विवादित टिप्पणीयां प्रतिदिन करते रहते हैं। यह राजभवन से नहीं बल्कि भाजपा के प्रदेश मुख्यालय कमलालयम से बात कहनी चाहिए।
21 बिल राजभवन में पेंडिंग
विधानसभा में आरोप-प्रत्यारोप के बीच डीएमके विधायकों ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने अब तक ऑनलाइन जुए पर बैन लगाने वाले विधेयक को मंजूरी नहीं दी गई है। प्रदेश में कई विधायकों को लेकर सत्तापक्ष और राजभवन के बीच खींचतान चल रही है। ऑनलाइन जुए पर रोक लगाने और रमी के दांव जैसे ऑनलाइन गेम इस विधेयक में प्रतिबंध के दायरे में है। दिसंबर 2022 तक 21 बिल राजभवन के पास लंबित पड़े हुए हैं।