ओडिशा में ट्रेन हादसा मिनटों में मातम छाया, 261 लोगों की मौत

ओडिशा के बालासोर एक बड़ा ट्रैन हादसा हुआ है। ….. आपको बता दे की शुक्रवार की शाम ट्रेन हादसे में 261 लोगों की मौत की पुष्टि अभी तक की जा रही है वही एक्सीडेंट में 900 से ज्यादा यात्री घायल हुए है। रेलवे के मुताबिक 650 लोगों को अस्पताल में एडमिट किया गया है। वही हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब 7 बजे हुआ। रेलवे के मुताबिक कोलकाता-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस बहानगा स्टेशन के पास डिरेल हो गई थीं। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन पास के ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलटे और दूसरी तरफ से आ रही शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए। इसके बाद कोरोमंडल ट्रेन की भी कुछ बाोगियां पटरी से उतर गईं। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर मालगाड़ी से भिड़ गईं। कुछ बोगियां मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गईं।

देश की सबसे घातक ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दुर्घटनास्थल पहुंच गए हैं. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि ‘रात से ही बचाव अभियान जारी है, सभी शोकाकुल परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. जहां पर भी सबसे बेहतर हेल्थ फ़ैसिलिटी होगी वो दी जाएगी। वही भारतीय रेलवे के कार्यकारी निदेशक अमिताभ शर्मा ने एएफपी को बताया, “दुर्घटना में दो यात्री ट्रेनों की सक्रिय भागीदारी थी, जबकि तीसरी ट्रेन, एक मालगाड़ी थी, जो साइट पर खड़ी थी, भी दुर्घटना में शामिल है.” देश की सबसे घातक ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक शाम 7 बजे के आसपास हुई, जब कई यात्री सो रहे थे. चेन्नई जा रही कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस कथित तौर पर पटरी से उतर गई और एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिसके बाद कई डिब्बे पलट गए. इसके बाद यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा गई. टक्कर के वक्त दोनों ट्रेनें तेज गति से चल रही थीं. अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम 6 बजकर 50 मिनट से 7 बजकर 10 मिनट के बीच कुछ ही मिनटों में भीषण त्रासदी हुई. संभावित परिचालन विफलता पर सवालों के बीच रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं. बचाव अभियान रात भर जारी रहा क्योंकि श्रमिकों और स्थानीय लोगों ने क्षतिग्रस्त मलबे से शवों और जीवित बचे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की. इसके बाद में एनडीआरएफ के जवान और सेना के जवान मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया.

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