देश में सियासी समीकरण लगातार तेज हो रहे है जिसके चलते रोज़ कोई न कोई न्य फैसला लिया जा रहा है जो चर्चा का मुद्दा बन रहा है, अब वैसे भी आने वाले वक्त में चुनाव होने जा रहे है तो यह तो स्वाभाविक सी बात है की सियासी हलचल तो तेज होगी ही अब हाल ही में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अजय राय पहली बार अपने गृह जनपद वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे. एयरपोर्ट पहुंचते ही हजारों कार्यकर्ताओं ने अजय राय का ढोल-नगाड़े, फूल-माला और अंग वस्त्र के साथ स्वागत किया.
भाजपा ने उनके खिलाफ हर हथकंडा अपनाया था
कार्यकर्ताओं की भीड़ होने की वजह से भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. स्थिति कुछ ऐसी हो गई कि घेरा बनाकर खड़ी पुलिस और सीआईएसएफ के जवान को भी धक्का मारकर कांग्रेस कार्यकर्ता अजय राय के स्वागत के लिए आगे कूद पड़े……. बातचीत के दौरान अजय राय ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 2014 में भी अहम जिम्मेदारी सौंपी थी. भाजपा ने उनके खिलाफ हर हथकंडा अपनाया था. कांग्रेस नेता ने कहा कि न तो अजय राय तब झुका था और न ही आगे झुकेगा. अजय राय ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जो विश्वास किया है उस विश्वास को लेकर आम जनता में जाएंगे. अजय राय ने बताया कि 2014 और 2019 में जो जिम्मेदारी उनको दी गई थी उसे पर वह खरे उतरे हैं और हमेशा से अच्छा कार्य करके दिया है. इसी वजह से उनको यह जिम्मेदारी मिली है।
क्या राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे?
एयरपोर्ट पर बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा कि आप कैमरा घुमाकर देखिए, यहां बूथ लेवल का, गांव का कार्यकर्ता खड़ा है. अब गांव देहात में भी कांग्रेस भाजपा को चुनाव हराएगी. उन्होंने कहा कि बनारस की धरती महादेव की धरती है और महादेव की धरती से यह बिगुल बजा है, जिसका असर पूरे प्रदेश में देखने को मिलेगा. ……. क्या राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे? इस पर अजय राय ने कहा कि बिल्कुल लड़ेंगे और अमेठी के लोग यहां आए हैं. प्रियंका गांधी जहां से कहेंगी उनका पूरा समर्थन हम करेंगे. वहीं स्मृति ईरानी पर कहा कि वो बौखलाई हुई हैं. उन्होंने कहा था कि कमल का बटन दबाइए 13 रुपए किलो चीनी मिलेगी, क्या वो दिलवा पाईं?
मुद्दा बेरोजगारी, महंगाई और लोगों को डराकर अपने साथ लेने का है
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस प्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी, महंगाई और लोगों को डराकर अपने साथ लेने का है. वे लोगों को ED, CBI का डर दिखाकर माहौल बना रहे हैं. अजय राय ने कहा कि राहुल गांधी ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक जो प्यार का पैगाम दिया है, खड़गे साहब ने और हमारी नेता प्रियंका गांधी का जो संदेश है उसे कांग्रेस पार्टी के प्रदेश के कार्यकर्ता घर-घर तक पहुंचाएंगे. वहीं अजय राय ने कहा कि उनके लिए पहले आम कार्यकर्ता आम व्यक्ति है. हम सबसे पहले गाजीपुर शहीदों को धरती पर उन्हें नमन करने जा रहे हैं. शहीदों और बलिदानियों की धरती जहां हमारे वीरों को 1942 में झंडा फहराने पर गोलियों से शहीद किया गया था. उन्हें नमन करने जा रहा हूं.
राहुल गांधी को लेकर उत्तर प्रदेश में भी चर्चाएं तेज हो गयी थी
ये लगातार संघर्ष करने का परिणाम है कि आज यह पद मिला है. उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी का सिपाही और कार्यकर्ता हूं, जो पूरी मजबूती के साथ भाजपा और नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ा था. अब इसे चंदौली से गाजियाबाद तक लड़ा जाएगा. ….. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो गई थी। सदस्यता बहाली के फौरन के बाद राहुल गांधी लोकसभा की कार्यवाही में शामिल में भी शामिल हुए थे। …. इस बीच में राहुल गांधी को लेकर उत्तर प्रदेश में भी चर्चाएं तेज हो गयी थी। … चर्चा के केंद्र में अमेठी था सवाल था कि क्या राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2024 में अमेठी से चुनाव लड़ेंगे? तो यह बात तो साफ़ हो गयी की राहुल गाँधी चुनाव अब अमेठी से लड़ेंगे। …… बता दें राहुल गांधी को पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार अमेठी लोकसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था।
2014 में उन्होंने आसानी से जीत दर्ज की
बीजेपी की स्मृति ईरानी ने 2014 में पहली बार अमेठी में कदम रखा, उस चुनाव में हारने के बाद 2019 में आखिरकार गांधी परिवार के गढ़ को तोड़ते हुए जीत हासिल कर ली थी। बता दें राहुल गांधी की राजनीतिक पारी की शुरुआत अमेठी से ही हुई थी। 2004 में वह यहां से पहली बार संसद पहुंचे। इसके बाद 2009, 2014 में उन्होंने आसानी से जीत दर्ज की। वैसे 2014 आते-आते बीजेपी ने अमेठी सीट पर टार्गेट करना शुरू कर दिया। यहां से स्मृति ईरानी को राहुल गांधी के सामने चुनाव मैदान में उतारा गया। पहले चुनाव में स्मृति ईरानी ने अच्छा प्रदर्शन तो किया लेकिन राहुल गांधी आसानी से चुनाव जीत गए। लेकिन इस हार के बाद भी केंद्र की मोदी सरकार में स्मृति ईरानी मंत्री बनाई गईं।
पहली बार दो लोकसभा सीटों से पर्चा दाखिल किया
वह राज्यसभा सदस्य बनीं लेकिन अमेठी उन्होंने नहीं छोड़ा। स्मृति ईरानी के लगातार जनसंपर्क और बीजेपी की जमीन पर कांग्रेस के खिलाफ रणनीति के चलते ही कहीं न कहीं गांधी परिवार के ये आभास हो गया कि सीट हाथ से जा सकती है। यही कारण रहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने पहली बार दो लोकसभा सीटों से पर्चा दाखिल किया। कांग्रेस को जिसकी आशंका थी, हुआ भी वही। राहुल गांधी वायनाड से तो जीत गए लेकिन अमेठी में उन्हें पहली बार हार का सामना करना पड़ा।