ज्ञानवापी में ASI सर्वे, वाराणसी में पुरातत्व विभाग की टीम को मिले कई अवशेष

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी की ASI आज चौथे दिन ज्ञानवापी में सर्वे करना शुरू कर दिया है। व्यासजी के तहखाने में टीम साक्ष्य जुटा रही है। GPR एक्सपर्ट आईआईटी कानपुर से वह पहुंचे हैं। कुछ जगहों पर बंद तालों की चाबियां ASI को मुस्लिम पक्ष ने दी है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “आज व्यासजी का तहखाना खोला जाएगा। तीसरे दिन यानी की शनिवार को पश्चिमी दीवार से लेकर बैरिकेडिंग तक के क्षेत्र में मौजूद घास हटा दी गई। तहखाना साफ कर दिया गया और एग्जॉस्ट लगाए जा रहे हैं।” पूरी ज्ञानवापी बिल्डिंग को एक बार में देखने के लिए सैटेलाइट के जरिए 3D इमैजिनेशन तैयार किया जा रहा है।

कल पश्चिमी दीवार का विस्तृत अध्ययन किया गया

इसमें टीम दीवारों की 3D इमेजिंग, मैपिंग और स्क्रीनिंग भी करेगी। आज ASI से 58 लोग, हिंदू पक्ष से 8 लोग और मुस्लिम पक्ष से तीन लोग मौजूद हैं। टीम के साथ कुछ मजदूर भी गए हैं। आइये आपको बताते है हिंदू पक्ष के वकील ने क्या बोलै है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा की “कल पश्चिमी दीवार का विस्तृत अध्ययन किया गया। मैंने केंद्रीय गुंबद के नीचे एक खोखली जगह से आवाज आने को पॉइंट आउट किया। इसकी जांच की जा रही है। केंद्रीय गुंबद के बगल का एक क्षेत्र जो ढका है, उसकी जांच चल रही है। जांच लंबी चलेगी। वहीं, जिला कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। अजय कुमार की अदालत ने आदेश दिया कि ASI को अपनी सर्वे रिपोर्ट 2 सितंबर तक सबमिट करनी होगी। वही साथ ही आपको बता दे की हिंदू पक्ष की महिलाओ का क्या कहना है। हिंदू पक्ष की महिलाओं ने कहा कि हम मस्जिद के अंदर नहीं जा रहे, क्योंकि महिलाएं मस्जिद में नहीं जाती हैं। हमें उम्मीद है कि इस सर्वे से बहुत कुछ साफ हो जाएगा। यहां बहुत कुछ ऐसे चिह्न, मूर्ति हैं जो बता रहे कि यहां हिंदू मंदिर था।

इसके बाद टीम सर्वे के अगले चरण में पहुंचेगी

ASI आज ज्ञानवापी परिसर में दो सैटेलाइट कनेक्टेड अत्याधुनिक मशीनों को सर्वे में शामिल करेगी। इनसे लगातार दो दिन रिपोर्ट तैयार करेगी। ASI के अधिकारी जल्द ही ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) विधि से सर्वे करेंगे। माना जा रहा है कि दो दिन बाद ज्ञानवापी परिसर में GPR मशीन लगाई जाएगी। इसके बाद टीम सर्वे के अगले चरण में पहुंचेगी। GPR एक्सपर्ट आज भी आईआईटी कानपुर से पहुंचे हैं। वही साथ ही ASI की 61 सदस्यीय टीम के अलावा डीएम, कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर और काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे। हिंदू पक्ष के चार वकील और मुस्लिम पक्ष के दो वकील समेत प्रमुख वादी शामिल रहेंगे। इसके अलावा तहखानों और परिसर के बंद कमरों की चाबियां भी ली जाएंगी। दीवारों पर मिली आकृति और टूटी मूर्तियों के समय का निर्धारण प्रतिमा शास्त्र के ग्रंथों से मिलान भी किया जाएगा।

टूटी मिली प्रतिमा का एक टुकड़ा भी ASI ने सैंपल में शामिल

आइये अब आपको बताते है की की अब तक क्या क्या सैंपल जुटाया जा चूका है. ASI ने चार सेक्टर बनाकर 100 मीटर एरियल व्यू फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की है जिसमे पश्चिमी दीवारों के निशान, दीवार पर सफेदी का चूना, ईंट में राख और चूने की जुड़ाई समेत मिट्टी के कई सैंपल जुटाए हैं। इसमें पत्थर के टुकड़े, दीवार की प्राचीनता, नींव और दीवारों की कलाकृतियां, मिट्‌टी और उसका रंग, अवशेष की प्राचीनता सहित अन्न के दाने का सैंपल जुटाया है। इसके अलावा टूटी मिली प्रतिमा का एक टुकड़ा भी ASI ने सैंपल में शामिल किया है। डिजिटल नक्शे में अंदर की वर्तमान स्थिति को भी अंकित किया जा रहा है। वही वाराणसी समेत विभिन्न जिलों से आए टीम के सदस्य आज शिफ्टवार सर्वे करेंगे। इसमें पहली शिफ्ट सुबह 9 से 12.30 तक चलेगी। ढाई बजे के बाद दूसरी शिफ्ट में नए कर्मी रहेंगे। पुलिस समेत सुरक्षाकर्मियों की शिफ्ट भी बदलेंगी।

मंदिर-मस्जिद के बीच लोहे की ग्रिल लगी हुई

दूसरी शिफ्ट में सभी पाॅइंट्स पर नए पुलिसकर्मी मोर्चा संभालेंगे। संवदेनशीलता के चलते आज अतिरिक्त 100 पुलिसकर्मी भी लगाए गए हैं। केंद्रीय सुरक्षा बल की बटालियन निर्धारित पॉइंट्स पर तैनात रहेगी। आइये आपको अब बताते है की असल मुद्दा क्या है की इसकी खुदाई की जा रही है। वहां एक विशालकाय नंदी है जिसका मुंह मस्जिद की तरफ है। इससे यह सिद्धि होता है कि शिवलिंग ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में कहीं स्थित था। वजूखाने में मिले शिवलिंग को मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है। मंदिर-मस्जिद के बीच लोहे की ग्रिल लगी हुई है। कहा जा रहा है कि उस पत्थर से नंदी की दूरी 83 फीट है, जो उसी पत्‍थर की ओर देख रहे हैं। कहते हैं कि वजूखाने में 12 फीट 8 इंच का शिवलिंग है।

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