दुनिया में क्यों हुई भारतीय पहलवानो की किरकिरी, जाने क्या है वजह

यूनाइडेट वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को रद्द कर दिया है. ऐसा 45 दिन में चुनाव नहीं करवा पाने की वजह से हुआ है. भारतीय रेसलिंग फेडरेशन के चुनाव 12 अगस्त को प्रस्तावित थे. लेकिन पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मतदान से एक दिन पहले ही चुनाव पर रोक लगा दी थी. इस फैसले की वजह से पहलवानों को आगामी वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारतीय ध्वज के तले प्रतिस्पर्धा की अनुमति नहीं होगी भारतीय पहलवानों को 16 सितंबर से शुरू होने वाली ओलंपिक-क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में ‘न्यूट्रल एथलीट्स’ के रूप में प्रतिस्पर्धा करनी होगी क्योंकि भूपेंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व वाली एडहॉक कमेटी वर्ल्ड रेसलिंग फेडरेशन के 45 दिन के भीतर चुनाव कराने की डेडलाइन को पूरा नहीं कर पाई थी.

सूरत में संबंधित देश के एथलीट इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं

बता दें कि भारतीय ओलंपिक संघ ने बीती 27 अप्रैल को एडहॉक कमेटी का गठन किया था और इस कमेटी को 45 दिनों के भीतर भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव कराने थे लेकिन कमेटी ऐसा करने में असफल रही. यूनाइडेट वर्ल्ड रेसलिंग ने बीती 28 अप्रैल को ये चेतावनी दी थी कि अगर चुनाव कराने की समय सीमा का सम्मान नहीं किया गया तो वह भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक “UWW ने बुधवार रात एडहॉक कमेटी को सूचित किया कि WFI को उसकी कार्यकारी समिति के चुनाव नहीं कराने के कारण निलंबित कर दिया गया है.” …. आइये आपको बताते है पहले तो की क्या है Authorized Neutral Athlete कैटेगरी के तहत किसी विवाद की सूरत में संबंधित देश के एथलीट इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं। इस कैटेगरी में एथलीट अपने देश के झंडे तले नहीं बल्कि प्रतियोगिता कराने वाली इंटरनेशनल संस्था के बैनर तले खेलते हैं। …. यही नहीं, ‘न्यूट्रल एथलीट’ के रूप में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी यदि पदक जीतते हैं तो उन पदक को उनके देश के मेडल्स में भी काउंट नहीं किया जाता। मेडल जीतने की सूरत में होने वाली अवॉर्ड सेरेमनी में उनके देश का राष्ट्रगान भी नहीं बजाया जाता।

वह भारत के झंडे या WFI के बैनर तले इसमें भाग नहीं ले सकेंगे

WFI की सदस्यता रद्द होने के बाद 16 सितंबर से सर्बिया में शुरू होने वाली वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारतीय पहलवानों को भी अब authorized neutral athlete ‘(ANA) के रूप में खेलना होगा। वह भारत के झंडे या WFI के बैनर तले इसमें भाग नहीं ले सकेंगे। …. वर्ष 2017 की IAAF वर्ल्ड चैंपियनशिप में रूस के 19 एथलीटों को न्यूट्रल एथलीट के रूप में खेलने की मंजूरी दी गई थी। 2018 की IAAF World Indoor Championships में 8 और 2018 की ही IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में कुल 9 एथलीटों ने न्यूट्रल एथलीट के रूप में हिस्सा लिया।। … 2019 की यूरोपीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कुल 30 और 2019 में ही दोहा में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में कुल 29 एथलीटों ने बतौर न्यूट्रल एथलीट भाग लिया था।

पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था

​​​इस साल जनवरी और अप्रैल में साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था। पहलवानों ने WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। …पहलवानों ने काफी समय तक धरना प्रदर्शन किया. जिसके बाद खेल मंत्रालय ने फेडरेशन के पदाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया. पदाधिकारियों को सस्पेंड करने के बाद एडहॉक कमेटी फेडरेशन का काम संभाल रही थी…… बीते दिनों फेडरेशन के चुनाव 12 अगस्त को होने थे. अध्यक्ष पद के लिए 4 उम्मीदवारों ने नॉमिनेशन भरा था. अध्यक्ष पद के लिए एक महिला ने भी नॉमिनेशन भरा था. अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन भरने वाले संजय सिंह को लेकर पूरा बवाल मचा था. संजय को बृजभूषण सिंह का करीबी बताया गया. चुनाव में उनके उतरने पर प्रदर्शन करने वाले पहलवान अपनी नाराजगी जता चुके थे. वो एकमात्र महिला उम्मीदवार और पूर्व पहलवान अनीता श्योरण को सपोर्ट कर रहे थे

एडहॉक कमेटी ने 12 अगस्त को मतदान की तारीख तय कर दी

विवाद के बाद इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने WFI को भंग करते हुए एडहॉक कमेटी बनाकर उसे WFI के नए पदाधिकारियों के चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंप दी। एडहॉक कमेटी ने 12 अगस्त को मतदान की तारीख तय कर दी। … वोटिंग से एक दिन पहले कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा की अगुवाई वाली हरियाणा कुश्ती संघ (HWA) ने इसे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। HWA का तर्क था कि चुनाव में उसे वोटिंग का अधिकार नहीं दिया गया है, जबकि वह WFI और हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन से एफिलिएटेड हैं। …. HWA का कहना था कि उसकी जगह Haryana Amateur Wrestling Association(HAWA) को वोटिंग का अधिकार दिया गया है जो गलत है। HWA की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने WFI के चुनाव पर 28 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी। कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होनी है। ….. आपको साथ ही बता दे की।

खेल में जीत भी जाते है तो भी इसके हकदार भारत नहीं होगा

बृजभूषण सिंह HWA अध्यक्ष दीपेंद्र हुड्‌डा पर महिला पहलवानों को उनके खिलाफ धरना देने के लिए उकसाने के आरोप लगाते रहे हैं। उनका कहना है कि विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और संगीता फोगाट को दीपेंद्र ही उनके खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं। …. अब इस पुरे मुद्दे को लेकर अब आने वाले वकत में पहलवान जब सीरिया में होने वाले गेम्स को खेलने जाएंगे और अगर वहा वो खेल में जीत भी जाते है तो भी इसके हकदार भारत नहीं होगा इससे directly एंड indirectly दोनों तरह से इसका इफ़ेक्ट इंडिया पर देखने को मिलेगा। …. साथ ही आपको हम बता दे की WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानो ने योन उतपीडन का आरोप लगाया है और बृजभूषण सिंह बीजेपी नेता है तो इससे यह तो साफ़ जाहिर होता है की चुनाव को रोकने के पीछे महिला वोटर्स को अपने हिस्से में लेने का प्लान हो सकता है और साथ ही महिला वोटर्स को कुश करने के लिए इस पुरे मुद्दे को देखा जा सकता है क्युकी आने वाले वक्त में लोकसभा चुनाव होने जा रहे है इसको लेकर भी यह फैसला प्रधानम्नत्री नरेंद्र मोदी के हित में हो सकती है।

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