चौक टीम, जयपुर मेवात के नूंह में भड़की हिंसा की आग गुरुग्राम तक भी पहुंच गई है। 31 जुलाई की देर रात गुरुग्राम सेक्टर 56- 57 इलाके में करीब 100 लोगों की भीड़ ने अंडर कंस्ट्रक्शन धार्मिक स्थल में तोड़-फोड़ कर आग लगा दी। इस हिंसा में धार्मिक स्थल में मौजूद एक शख्स की मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। पुलिस की FIR के मुताबिक, मरने वाले शख्स का नाम मोहम्मद साद था और वो बिहार का रहने वाला है। FIR के मुताबिक, रात 12:15 पर गुरुग्राम सेक्टर-57 में बूम प्लाजा की तरफ से करीब 100-120 लोगों की भीड़ धार्मिक नारे लगाते हुए आई।
भीड़ ने सबसे पहले मौके पर मौजूद पुलिस पार्टी पर पथराव किया। इसके बाद पास ही धार्मिक स्थल में आग लगा दी। भीड़ में शामिल लोगों ने धार्मिक स्थल में घुसकर फायरिंग भी की। इस दौरान अंदर मौजूद साद की मौत हो गई, जबकि खुर्शीद आलम नाम का एक शख्स पैर में गोली लगने से घायल हो गया। मौके पर मौजूद हरियाणा पुलिस के ASI संदीप ने मामले की FIR दर्ज कराई है। इस केस में हमला करने वालों की पहचान कर ली गई है। हमले के बाद इलाके के धार्मिक स्थलों के आस-पास की सुरक्षा को मजबूत किया गया है।
धार्मिक स्थल पर तैनात थी पुलिस
घटना के बाद इजहार नाम का एक शख्स सामने आया है, जिसने दावा किया है कि हमले के दौरान वो भी धार्मिक स्थल के अंदर ही था। उसके मुताबिक, भीड़ ने हमला किया तब वहां 5 लोग मौजूद थे। उसका दावा है कि भीड़ ने गोलियां चलाईं और साद को डंडे से पीटा। साद और खुर्शीद को भीड़ ने पकड़ लिया था, जबकि बाकी तीन लोगों ने छिपकर जान बचाई। इजहार ने बताया कि वह इस धार्मिक स्थल में केयरटेकर का काम करता है। इजहार के मुताबिक, हमले के वक्त 4 से 5 पुलिसवाले धार्मिक स्थल के बाहर पहरा दे रहे थे। घटना के बाद गुरुग्राम पुलिस के कई सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंचे और छानबीन शुरू की। फायर ब्रिगेड की आधा दर्जन गाड़ियों ने सुबह तक आग पर काबू पा लिया था। वहीं मौके से पुलिस को गोलियों के खोल बरामद हुए हैं।
मरने वाले के इमाम होने का दावा
गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित मस्जिद प्रबंधन समिति के चेयरमैन मोहम्मद असलम खान ने दावा किया है ‘हिंसा में मारा गया शख्स साद इमाम था।’ हालांकि, उनके इस दावे की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है। जानकारी के मुताबिक, साद की रात 11 बजे अपने भाई शादाब से बात हुई थी। वो 1 अगस्त की शाम को ट्रेन से बिहार अपने घर लौटने वाला था। पुलिस ने दिया था सुरक्षा का भरोसा हरियाणा अंजुमन ट्रस्ट के चेयरमैन मोहम्मद असलम ख़ान ने बताया, ‘मेवात में हिंसा के बाद सोमवार शाम पुलिस की टीम उनके पास पहुंची थी। उन्होंने सुरक्षा का भरोसा दिया था। हालांकि, पुलिस की सुरक्षा के बावजूद हमला हुआ।’