Sachin Pilot Live: मौन रहकर गांधीवादी तरिके से पायलट ने कांग्रेस में मचा दिया शोर, क्या कांग्रेस करेगी OUT?

सचिन पायलट, राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री, आर पार के मूड में आ गए हैं। पायलट ने मंगलवार को जयपुर के शहीद स्मारक में अपना एक दिन का अनशन शुरू कर दिया है। सचिन पायलट वर्तमान सीएम गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे हुए हैं, जो तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर है।

पायलट वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच का मुद्दा उठा रहे हैं। पायलट ने वसुंधरा राजे पर करप्शन और कुशासन का आरोप लगाते हुए गहलोत के पुराने वीडियो चलाकर पूछा है कि इन मामलों की जांच क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा, कांग्रेस के पास पूर्व की बीजेपी सरकार के खिलाफ सबूत थे, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की। इसके बावजूद माना जा रहा है कि पायलट वसुंधरा राजे के बहाने अशोक गहलोत पर निशाना साध रहे हैं।

कांग्रेस ने जारी की चेतावनी, फिर भी किया अनशन

कांग्रेस की ओर से दी गई चेतावनी के बावजूद सचिन पायलट ने अनशन का फैसला लिया है. उन्होंने अनशन करते हुए वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच की मांग की है. पायलट ने वसुंधरा राजे पर करप्शन और कुशासन का आरोप लगाते हुए गहलोत के पुराने वीडियो चलाकर पूछा है कि इन मामलों की जांच क्यों नहीं की गई. उन्होंने कहा, कांग्रेस के पास पूर्व की बीजेपी सरकार के खिलाफ सबूत थे, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की गई.

सचिन पायलट को कांग्रेस ने अनशन न करने की चेतावनी दी थी, लेकिन उन्होंने फिर भी अपना फैसला लिया है. कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पार्टी समर्थकों को ध्यान में रखते हुए पार्टी के समाप्ति के लिए सबको साथ लेकर चलना होगा.

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क्या ये प्रयास बनायेगा सीएम!

वर्तमान में राजस्थान में कांग्रेस सरकार है, जिसके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं. सचिन पायलट के अनशन का यह प्रयास उन्हें अपनी जांच करवाने के लिए उठाया गया है. राजस्थान में 2018 के चुनाव के बाद से सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सियासी वर्चस्व की यह जंग चल रही है। नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। इस चुनाव में पायलट कांग्रेस अध्यक्ष थे और उन्हें मुख्यमंत्री के पद का दावेदार बनने का मौका मिला था। लेकिन अशोक गहलोत ज्यादा विधायकों का समर्थन जुटाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए।

बाद में, जब पार्टी सत्ता में आई तो गहलोत ने मुख्यमंत्री के पद को अपने पास रखा। इससे पायलट के बीच नाराजगी हुई और वह पार्टी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से बर्खास्त कर दिए गए। लेकिन बाद में प्रियंका गांधी के दखल के बाद पायलट की नाराजगी दूर हुई।

हालांकि, बाद में प्रियंका गांधी के दखल के बाद पायलट की नाराजगी दूर हुई. पायलट फिर से पार्टी के साथ संगठन कार्य में जुट गए और 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए काम करने लगे।

इस दौरान राजस्थान में कांग्रेस सरकार में भी मनमुटाव होते रहे। अशोक गहलोत की सरकार बहुमत से चल रही थी, लेकिन उनके नेतृत्व में फिर से संगठित दलों में असंतोष था। इसके अलावा, सरकार ने बजट सत्र के दौरान नई कृषि कानूनों को लेकर भी संघर्ष किया था जो कि प्रदर्शनकारी अख़बारों की ताकत से राज्य के स्तर पर हाईलाइट हुआ था।

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