मोदी सरकार के सामने आया आइना, I.N.D.I.A ला सकता है अविश्वास प्रस्ताव

संसद में मानसून सत्र के चौथे दिन लोकसभा की कार्रवाई शुरू होती ही 2 बजे तक और राज्यसभा 12 तक के लिए स्थगित हो गई। इसके पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मणिपुर पर चर्चा के लिए दोनों सदन में स्थगन प्रस्ताव दिया था। वहीं, विपक्षी पार्टियों के गठबंधन I.N.D.I.A ने संसद की कार्रवाई से पहले बैठक की। जिसमें मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा की गई। लोकसभा की कार्रवाई के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “पूरे देश में अगर महिलाओं के खिलाफ कोई अपराध है, तो सरकार चर्चा के लिए तैयार है। हमें इन मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।”

राज्यसभा में संजय सिंह के निलंबन पर भी हंगामा

AAP सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में संजय सिंह के निलंबन पर मत विभाजन की अपील की, जिसे सभापति जगदीप धनखड़ ने याचिका खारिज कर दिया दरअसल, तीसरे दिन की कार्रवाई के दौरान AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह संसद में मणिपुर पर चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान की बात उठाई थी। वे सभापति जगदीप धनखड़ के पास जाकर बहस करने लगे थे। इसके बाद उन्हें पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। विपक्षी सांसदों ने इस फैसले के खिलाफ संसद में गांधी प्रतिमा के पास पूरी रात धरना दिया। आज भी इस मुद्दे को उठाया जा सकता है।

मानसून सत्र से जुडी खास रिपोर्ट

लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और गौरव गोगोई ने मणिपुर के हालात पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। राज्यसभा में राजीव शुक्ल, राघव चड्ढा, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी समेत कई सासंदों ने मणिपुर पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। भाजपा ने भी संसदीय दल की बैठक बुलाई। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे। निलंबन पर बोले संजय सिंह- कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। निलंबन के अगले दिन मंगलवार को संजय सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर चुप क्यों हैं? हम केवल संसद में आकर इस पर बोलने की मांग कर रहे हैं। निलंबन पर मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि जगदीप धनखड़ राजनीति से जुड़े व्यक्ति नहीं हैं, उपराष्ट्रपति हैं। संसद में मणिपुर का मुद्दा उठाना हमारी जिम्मेदारी है।”

निलंबन संजय सिंह का क्यों हुआ ?

सोमवार को 27 विपक्षी सांसदों ने नियम 267 के तहत मणिपुर पर राज्यसभा में चर्चा की मांग के लिए नोटिस दिया था। सभापति ने इसे स्वीकार नहीं किया। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन हंगामे की वजह से स्थगित कर दी गई है। फिर दोपहर 12 बजे से राज्यसभा में प्रश्नकाल शुरू हुआ। संजय सिंह सभापति धनखड़ के आसन के पास जाकर बहस करने लगे। धनखड़ ने उन्हें वापस जाने के लिए कहा, लेकिन संजय सिंह नहीं माने। धनखड़ ने चेतावनी दी। लेकिन संजय पोडियम के पास खड़े बहस करते रहे। इसके बाद धनखड़ ने सरकार से संजय को सस्पेंड करने का प्रस्ताव लाने को कहा। मंत्री पीयूष गोयल प्रस्ताव लाए और उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया।

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