गोद लिया बच्चा असली पेरेंट्स से नहीं मांग सकता प्रॉपर्टी: दूसरी शादी, लिव-इन से हुए बच्चे के क्या हैं अधिकार

राजस्थान चौक । तेलंगाना हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि गोद लेने के बाद वो बच्चा अपने जन्म देने वाले परिवार का सहदायिक नहीं होता। हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत, सहदायिक शब्द का इस्तेमाल उस व्यक्ति के लिए किया जाता है, जिसे हिंदू अविभाजित परिवार यानी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली में जन्म से ही पैतृक संपत्ति में कानूनी अधिकार मिलता है। इसका मतलब यह हुआ कि गोद लिए गए बच्चे के पास जन्म देने वाले परिवार की संपत्ति में हिस्सेदारी का दावा करने का अधिकार नहीं है। तेलंगाना हाई कोर्ट का मामला 1977 से यह केस चल रहा था। सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर हुआ था। पिटीशन दायर करने वाले व्यक्ति को उसके सगे मामा ने गोद लिया था। जब उसे यह सच्चाई पता चली तब उसने अपने जन्म के परिवार की संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग की। अगर आप बच्चा गोद लेते हैं तो उसके अधिकार क्या है, खासकर तब जब बच्चे को रिश्तेदार या जानने वालों ने अडॉप्ट किया हो, तब उसे संपत्ति कैसे मिलती है। इसके बारे में आज जरूरत की खबर में सुप्रीम कोर्ट के वकील सचिन नायक से जानते हैं…

कुछ सवालो के जवाब अधिकारों को लेकर

सवाल: गोद लिए गए बच्चे के क्या अधिकार हैं?
जवाब: उस बच्चे को वो तमाम अधिकार मिले हैं जो एक बायोलॉजिकल बच्चे के होते हैं। यह बच्चा अपने नए माता-पिता से अपने अधिकार उस दिन से मांग सकता है, जिस तारीख से उसे गोद लिया गया है। उसी तारीख से उसका उसके असली माता-पिता से भी कानूनी रूप से रिश्ता खत्म हो जाता है।

सवाल: अगर जन्म देने वाले माता-पिता ने प्रॉपर्टी का बंटवारा गोद देने से पहले कर दिया है, तब भी क्या उस व्यक्ति को बायोलॉजिकल पेरेंट्स की संपत्ति में अधिकार नहीं मिलेगा?
जवाब: तेलंगाना हाई कोर्ट में दायर हुए इस मौजूदा केस में इस सवाल का जवाब जजों ने दिया है। जस्टिस पी. नवीन राव, जस्टिस बी. विजयसेन रेड्डी और जस्टिस नागेश भीमापाका की पीठ ने 27 जून के फैसले में कहा कि अगर गोद लेने से पहले बंटवारा हुआ हो गया है और गोद दिए गए व्यक्ति को उस संपत्ति में हिस्सा मिल गया है, तब वो अपना हिस्सा रख सकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ है तब वो अपने बायोलॉजिकल पेरेंट्स से संपत्ति मांग नहीं सकता। वो उनकी प्रॉपर्टी का हकदार नहीं होता।

सवाल: गोद लिए बच्चे को क्या उसके असल माता-पिता अपने मन से प्रॉपर्टी दे सकते हैं?

जवाब: भारतीय संविधान के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा से अपनी कोई वस्तु या संपत्ति किसी को भी दे सकता है। इसमें चल या अचल दोनों तरह की संपत्ति शामिल है। इसी कानून के तहत जन्म देने वाले माता-पिता अपने गोद दिए गए बच्चे को कुछ भी दे सकते हैं।

सवाल: क्या गोद लिए गए बच्चे को प्रॉपर्टी से बेदखल किया जा सकता है?
जवाब: यहां भी वही कानून लागू होगा जो बायोलॉजिकल बच्चों के लिए हैं। यानी पिता अपने बेटा या बेटी को अपनी संपत्ति से बेदखल कर सकता है और अपनी आय से अर्जित संपत्ति को जिसे चाहे उसे दे भी सकता है। वहीं अगर पिता के पास पैतृक संपत्ति है तो कानूनन उससे अपने बच्चों को बेदखल नहीं कर सकता है।

कुछ सिचुएशन से जाने

सिचुएशन: 1
पति-पत्नी साथ रहते हैं। पति का दूसरी महिला से अफेयर है और उससे बच्चा पैदा हो जाए तो संपत्ति का बंटवारा कैसे होगा?

ऐसे में 2 तरह से संपत्ति गिनी जाएगी पहली जो पिता यानी बच्चे की मां के पति ने खुद बनाई है। दूसरी जो पिता को उनके माता-पिता से मिली है। शादी के बाद पैदा हुए बच्चों का… पिता की संपत्ति पर पूरा अधिकार होगा। दादा-दादी की संपत्ति पर भी पूरा अधिकार होगा। अफेयर के दौरान पैदा हुए बच्चों का…हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 16 के तहत सिर्फ पिता की संपत्ति पर अधिकार होगा। दादा-दादी की संपत्ति पर अधिकार होगा या नहीं, इसका फैसला अभी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है।
सिचुएशन: 2

पहली पत्नी से 2 बच्चे हैं और तलाक नहीं हुआ है। किसी दूसरी महिला से अफेयर था और उससे 1-2 या इससे ज्यादा बच्चे हैं। तब क्या होगा?

इस सिचुएशन में पहली वाली सिचुएशन में जो नियम बताए गए उस हिसाब से बंटवारा होगा। सभी बच्चों को पिता की संपत्ति में बराबर का हिस्सा मिलेगा।अगर पिता ने वसीयतनामा लिखा है तो वसीयत में जिनका नाम लिखा है सिर्फ उनका ही संपत्ति पर अधिकार होगा। जैसे- पिता ने वसीयत में पत्नी के बच्चों को पूरी संपत्ति दे दी है। तब बिना शादी के पैदा हुए बच्चों को संपत्ति नहीं मिलेगी। अगर पिता ने पूरी संपत्ति बिना शादी के पैदा हुए बच्चों के नाम लिख दी है तो पत्नी के बच्चों का संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा।
सिचुएशन:3

पहली पत्नी से 1 बच्चा है। तलाक के बाद दूसरी पत्नी से 2 बच्चे हैं तो पिता की संपत्ति का बंटवारा कैसे होगा?
लीगल मैरिज से जन्म लेने वाले बच्चों का माता-पिता और दादा-दादी की संपत्ति पर बराबर का अधिकार होगा। किसी को कम या किसी को ज्यादा संपत्ति नहीं मिलेगी।

सिचुएशन:4
लिव इन रिलेशनशिप में बच्चा होता है और बाद में पुरुष की शादी दूसरी महिला से हो जाती है तो बच्चे का पिता की संपत्ति पर अधिकार होगा?

शादी से पैदा हुए बच्चे का जो पिता की संपत्ति पर अधिकार होगा, वही अधिकार लिव इन रिलेशनशिप में जन्मे बच्चे का भी होगा। हालांकि, इसका दादा-दादी की संपत्ति पर अधिकार नहीं होगा।

सिचुएशन:5
रेप की वजह से जन्म लेने वाले बच्चे का बायोलॉजिकल पिता की संपत्ति पर क्या अधिकार है?

2015 में एक मामला आया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अपने एक आदेश में कहा था कि रेप के कारण जन्मे बच्चे का अपने बायोलॉजिकल पिता की संपत्ति में अधिकार होता है। हालांकि यह अधिकार पर्सनल लॉ का विषय है। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह बच्चा या बच्ची उस बायोलॉजिकल पिता की नाजायज संतान के तौर पर ही देखी जाएगी। अगर बच्चा या बच्ची को कोई गोद ले लेता है तो फिर उसका बायोलॉजिकल पिता की संपत्ति में अधिकार खत्म हो जाता है।

राजस्थान चौक के लिए आकृति पंवार की रिपोर्ट

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